जयपुर, 25 जून मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस से हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रदेश में केन्द्रीय प्रवर्तित योजना के तहत स्वीकृत 16 नए मेडिकल कॉलेजों का संचालन राजमेस सोसायटी के माध्यम से करने, बाल संरक्षण के क्षेत्र में नेहरू बाल संरक्षण पुरस्कार प्रारम्भ करने तथा भूमि आवंटन प्रक्रिया अधिक सुगम एवं सरल बनाने के लिए प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में विभिन्न उद्देश्यों के लिए भूमि आवंटन नीति-2015 में संशोधन करने सहि कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। साथ ही, जन अनुशासन लॉकडाउन के प्रतिबंधों में छूट, वैक्सीनेशन अभियान और उच्च एवं तकनीकी शिक्षा की परीक्षाओं के आयोजन के संबंध में भी चर्चा की गई।
बैठक में मंत्रिपरिषद ने केन्द्रीय प्रवर्तित योजना के तहत प्रदेश में स्वीकृत 16 नए मेडिकल कॉलेजों तथा भविष्य में आने वाले सभी नए राजकीय मेडिकल कॉलेजों का संचालन राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसायटी (राजमेस) के अध्यधीन किए जाने का निर्णय लिया है। इससे इन कॉलेजों का बेहतर प्रबंधन एवं सुगमता से संचालन हो सकेगा। साथ ही, हैल्थ सेक्टर में मानव संसाधन, विशेषकर चिकित्सकों की कमी को दूर करते हुए जनसंख्या के अनुरूप चिकित्सकों के अनुपात में सुधार लाया जा सकेगा । केन्द्रीय प्रवर्तित योजना के दूसरे एवं तीसरे चरण में धौलपुर, बारां, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, जैसलमेर, करौली, नागौर, सिरोही, बूंदी, सवाईमाधोपुर, टोंक, हनुमानगढ़, झुंझुनूं, दौसा, अलवर तथा श्रीगंगानगर में नव स्वीकृत मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जाने हैं।
नगरीय क्षेत्रों में भूमि आवंटन प्रक्रिया होगी अधिक सुगम
मंत्रिपरिषद ने प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में विभिन्न उद्देश्यों के लिए भूमि आवंटन नीति – 2015 में संशोधन किए जाने के प्रस्ताव पर भी सहमति प्रदान की है। इससे भूमि आवंटन प्रक्रिया अधिक सुगम एवं सरल हो सकेगी तथा राजकीय विभागों के लिए आवश्यक भूमि का आवंटन स्थानीय निकाय स्तर पर संभव हो सकेगा। इससे प्रीमियर संस्थानों को भूमि का आवंटन सुगम एवं शीघ्र होने से राज्य में निवेश प्रस्तावों का त्वरित क्रियान्वयन किया जा सकेगा।
राजस्थान अधीनस्थ अभियांत्रिकी सेवा (सिंचाई शाखा) नियम 1967 में संशोधन मंत्रिपरिषद ने जल संसाधन विभाग में कनिष्ठ प्रारूपकार (जूनियर ड्राफ्ट्समैन), अनुरेखक (ट्रेसर) तथा पटवारी की शैक्षणिक योग्यता में परिवर्तन के लिए राजस्थान अधीनस्थ अभियांत्रिकी सेवा
(सिंचाई शाखा) नियम – 1967 में संशोधन को मंजूरी दी है। इससे उच्च योग्यता के कार्मिक उपलब्ध होने से विभाग के तकनीकी कार्यों का सम्पादन बेहतर गुणवत्ता के साथ हो सकेगा। साथ ही, नहरी क्षेत्रों में बाराबंदी आदि कार्यों के उचित संचालन एवं राजस्व वसूली में वृद्धि हो सकेगी।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह एवं अनुदान योजना-2021 को मंजूरी
मंत्रिपरिषद ने सामूहिक विवाह के आयोजनों में आवेदन एवं भुगतान प्रक्रिया के सरलीकरण के उद्देश्य से मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह एवं अनुदान योजना-2021 को लागू करने की मंजूरी दी है। इससे लाभार्थियों एवं आयोजक संस्थाओं को योजना का लाभ सुगमता से प्राप्त हो सकेगा। इससे सामूहिक विवाह आयोजनों को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
पर्यटकों के लिए राजकीय अतिथि गृह योजना-2021 का अनुमोदन
बैठक में राजस्थान पर्यटन नीति – 2020 के अनुसरण में तैयार की गई ‘पर्यटकों के लिए राजकीय अतिथि गृह योजना-2021’ का अनुमोदन किया गया। प्रदेश के प्राकृतिक वातावरण एवं सुरम्य स्थलों पर स्थित राजकीय अतिथि गृहों में पर्यटकों के ठहराव के लिए यह योजना तैयार की गई है। इससे जैव विविधता के संरक्षण के साथ ही पर्यटकों को प्रदेश के ग्रामीण परिवेश, कला, उद्योग एवं संस्कृति की जानकारी मिल सकेगी तथा इस क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा मिलेगा। योजना में प्रारम्भिक तौर पर जल संसाधन, सार्वजनिक निर्माण एवं वन विभाग के पारिस्थितिकी पर्यटन स्थलों पर स्थित राजकीय अतिथि गृहों को पर्यटकों के लिए उचित मूल्य पर उपलब्ध करवाया जाना प्रस्तावित किया गया है। बाद में अन्य विभागों के अतिथि गृहों को भी इससे जोड़ा जा सकता है।
बाल संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य पर नेहरू पुरस्कार
बैठक में बाल संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों एवं संस्थाओं के सम्मान और प्रोत्साहन के लिए नेहरू बाल संरक्षण पुरस्कार नियम लागू करने को मंजूरी दी गई। राज्य सरकार द्वारा यह पुरस्कार बाल संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं, स्वयंसेवी संस्थाओं, हितधारकों, भामाशाहों एवं बाल देखरेख संस्थान संचालित करने वाली राजकीय एवं गैर राजकीय संस्थाओं को प्रतिवर्ष यथासंभव राष्ट्रीय बाल दिवस 14 नवम्बर पर प्रदान किया जाएगा। राज्य स्तर पर व्यक्तिगत, संस्थागत तथा सामाजिक दायित्व के अंतर्गत तीन श्रेणियों में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान सहित कुल 9 पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।
बैठक में बच्चों में नशे की प्रवृत्ति रोकने तथा उन्हें ऐसी परिस्थितियों से बाहर निकालने के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से चरणबद्ध रूप से समेकित बाल पुनर्वास केन्द्रों का संचालन किए
जाने के उद्देश्य से समेकित बाल पुनर्वास केन्द्र संचालन दिशानिर्देश- 2021 लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। मंत्रिपरिषद ने राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष एवं सदस्यों के सातवें वेतनमान में वेतन निर्धारण को भी मंजूरी दी है।
प्रदेश में कोविड और वैक्सीनेशन के उत्कृष्ट प्रबंधन की सराहना
मंत्रिपरिषद के सदस्यों ने मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा किए गए कोविड और वैक्सीनेशन के उत्कृष्ट प्रबंधन की सराहना करते हुए कहा कि कोरोना की दूसरी घातक लहर का प्रदेश में सफलतापूर्वक मुकाबला किया गया। इसी का परिणाम है कि राज्य में संक्रमण का स्तर काफी कम चुका और 24 एवं 25 जून को मौतों की संख्या शून्य पर आ गई। राज्य में वैक्सीनेशन को लेकर भी समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं। केन्द्र सरकार की ओर से वैक्सीन की उपलब्धता के अनुरूप त्वरित प्रभाव से लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है। मंत्रिपरिषद ने राज्य में वैक्सीन वेस्टेज ऋणात्मक होने पर चिकित्सा विभाग के प्रयासों को सराहा ।
डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले सामने आने पर चिंता व्यक्त की बैठक में तीसरी लहर से बचाव के लिए अधिक से अधिक आबादी का शीघ्र टीकाकरण किए जाने पर चर्चा की गई। मंत्रिपरिषद ने दुनिया के कई देशों और भारत के कई राज्यों में कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले सामने आने पर चिंता व्यक्त की। बैठक में बताया गया कि विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना का यह नया वैरिएंट बेहद घातक और तेजी से संक्रमण फैलाने वाला बताया जा रहा है। ऐसे में, किसी भी तरह की लापरवाही बड़ी चुनौती पैदा कर सकती है। मंत्रिपरिषद के सदस्यों ने कहा कि व्यवसाय एवं अन्य गतिविधियों के लिए प्रतिबंधों में छूट तीसरी लहर की तमाम आशंकाओं को ध्यान में रखते हुए ही दी जाए। उन्होंने कोविड प्रोटोकॉल की निरन्तर पालना पर जोर दिया और कहा कि आम लोगों को मास्क पहनने तथा सोशल डिस्टेसिंग के नियम की पालना के लिए निरंतर प्रेरित किया जाए।
उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के पाठ्यक्रमों की परीक्षाओं के संबंध में चर्चा
मंत्रिपरिषद ने उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के पाठ्यक्रमों की परीक्षाओं के संबंध में चर्चा की। बैठक में कोविड की स्थितियों के दृष्टिगत स्नातक प्रथम एवं द्वितीय वर्ष की परीक्षाओं को लेकर विचार-विमर्श किया गया। साथ ही, अंतिम वर्ष की परीक्षाओं के संबंध में सुप्रीम कोर्ट एवं यूजीसी के दिशा-निर्देशों के अनुरूप निर्णय लेने चर्चा की गई।