जयपुर, 24 जून मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि गांव-ढाणी तक विकास कार्यों को मूर्त रूप देने और योजनाओं का लाभ जमीनी स्तर तक पहुंचाने में पंचायतीराज विभाग की अहम भूमिका है। राज्य सरकार निरंतर फैसले लेकर प्रदेश में पंचायतीराज को सशक्त बना रही है। उन्होंने निर्देश दिए कि पंचायतीराज विभाग में कनिष्ठ लिपिक-2013 की भर्ती को चरणबद्ध रूप से पूरा करें। प्रथम चरण में 4 हजार पदों तथा शेष पदों पर अगले चरण में भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाए।
श्री गहलोत गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पंचायतीराज विभाग की योजनाओं एवं बजट घोषणाओं की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारी राज्य सरकार की गुड गवर्नेस की मंशा के अनुरूप बजट घोषणाओं की क्रियान्विति को गति देकर अंतिम छोर तक विकास का लाभ पहुंचाना सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने गांवों के विकास को गति प्रदान करने के लिए 57 नई पंचायत समितियों और 1456 नई ग्राम पंचायतों का गठन किया है। इन नई पंचायत समितियों और ग्राम पंचायतों के लिए जहां पर कोई सरकारी भवन रिक्त या अनुपयोगी स्थिति में हैं तो उनका उपयोग किया जाए। जहां सरकारी भवन उपलब्ध नहीं है वहां नए भवनों का निर्माण भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर किया जाए। नवसृजित ग्राम पंचायत मुख्यालय पर ग्राम पंचायत भवनों का निर्माण ग्राम सचिवालय की अवधारणा को साकार करने के उद्देश्य से किया जाए, जहां आमजन को एक ही स्थान पर ग्राम पंचायत स्तरीय कार्यालयों की सभी सुविधाओं का लाभ मिल सके।
श्री गहलोत ने कहा कि पंचायतीराज विभाग में विभिन्न रिक्त पदों पर भर्तियों के काम को गति दी जाए। साथ ही ग्रामीण विकास राज्य सेवा एवं अधीनस्थ सेवा कैडर में पदोन्नति के पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराए जायें। उन्होंने निर्देश दिए कि जो भर्तियां प्रक्रियाधीन हैं, उनमें
परीक्षा और परिणाम जारी करने की प्रक्रिया जल्द पूरी कर अभ्यर्थियों को नियुक्तियां दी जाए। श्री गहलोत ने कहा कि 15वें वित्त आयोग तथा राज्य वित्त आयोग के तहत होने वाले विकास कार्यों एवं योजनाओं को समयबद्ध रूप से पूरा करने का प्रयास किया जाए ताकि लोगों को इनका समुचित लाभ समय पर मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों के सर्वार्गीण और समुचित विकास के लिए मास्टर प्लान बनाने की बजट घोषणा को जल्द से जल्द धरातल पर उतारा जाए। मास्टर प्लान भावी आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर तैयार करें। इसके लिए पटवारी एवं अन्य कार्मिकों को प्रशिक्षित किया जाए।
श्री गहलोत ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत संचालित गोबरधन योजना को बेहतर रूप में क्रियान्वित करने के लिए राज्य से अधिकारियों की एक टीम भेजकर छत्तीसगढ़ राज्य की गौधन न्याय योजना का भी अध्ययन कराए।
सचिव पंचायतीराज श्रीमती मंजू राजपाल ने 15वें वित्त आयोग, राज्य वित्त आयोग, स्वच्छ भारत मिशन, स्वामित्व योजना सहित विभाग की अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं एवं बजट घोषणाओं की प्रगति की जानकारी दी।
बैठक में मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य, प्रमुख सचिव वित्त श्री अखिल अरोरा, शासन सचिव ग्रामीण विकास श्री के के पाठक, कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष श्री हरिप्रसाद शर्मा, मनरेगा आयुक्त श्री अभिषेक भगोतिया, निदेशक स्वच्छ भारत मिशन श्री विश्व मोहन शर्मा, निदेशक पंचायतीराज डॉ. घनश्याम सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।